सोमवार 10 नवंबर 2025 - 05:52
क़ुरआन की तिलावत का अज़ीम अज्र और सवाब 

हौज़ा / पैग़म्बर (सल्लल्लाहो अलैहे व आलेहि व सल्लम) ने इस रिवायत में क़ुरआन की तिलावत के अज़ीम अज्र और सवाब का वर्णन किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह रिवायत "वसाइल उश शिया" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال رسولُ الله صلی الله علیه و آله:

مَن قَرَأَ القُرآنَ ابتِغاءَ وَجهِ اللّهِ وَ تَفَقُّهًا فِی الدِّینِ، کانَ لَهُ مِنَ الثَّوابِ مِثلُ جَمیعِ ما أُعطِیَ المَلائِکَةُ وَ الأنبِیاءُ وَ المُرسَلونَ.

पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम) ने फ़रमाया:

जो कोई अल्लाह की राह पर और धर्म के अनुसार समझ के साथ क़ुरआन की तिलावत करेगा, अल्लाह उसे सभी फ़रिश्तों, नबियों और रसूलों के बराबर सवाब देगा।

वसाइल उश शिया, भाग 1 6, पेज 184, हदीस 7683

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